



ऑल इंडिया पयाम ए इंसानियत फोरम धनबाद यूनिट के द्वारा आज बायपास रोड स्थित कोहिनूर मैरेज हॉल में हिजामा थेरेपी कैम्प का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मौलाना मो. आफताब आलम नदवी, सिम्फ़र के रिटायर्ड साइंटिस्ट डॉ मो. शमशाद आलम एवं अब्दुल जब्बार बड़ी मस्जिद के ईमाम मौलाना मो. नौशाद आलम नदवी ने किया। इस कैम्प में 75 पुरुष एवं 25 महिलाओं ने अपने शरीर के विभिन्न हिस्सों मे हिजामा कराया।
हिजामा के लिये आए क्योर हब कपिंग सेंटर आसनसोल के मो. अज़हरुद्दीन अंसारी और उनकी टीम ने अपना योगदान दिया। इस शिविर को सफल बनाने में विशेष रूप से मौलाना नौशाद आलम नदवी, अख्तर, महताब, हसन, एजाज़, जसीम, अनवारुल, शाहबाज़, आज़म आदि की सराहनीय भूमिका रही।
गौरतलब है की कपिंग थेरेपी को यूनानी भाषा में हिजामा चिकित्सा कहा जाता है। इसमें त्वचा पर वैक्यूम कप लगाया जाता है। ये वैक्यूम त्वचा को अंदर की ओर खींचता है। इस चिकित्सा पद्धति से शरीर के उसी हिस्से पर काम किया जाता है, जहां पर कोई दर्द या समस्या हो। शरीर से गंदे खून के जमाव को निकाल कर साफ रक्त की प्रवाह एवं रोग मुक्त करने मे ये थेरेपी काफी कारगर है जिससे शरीर काफी चूश्त और तंदरुस्त रहती है।
