झारखंड की सत्ताधारी दल को किस बात का है डर, झामुमो का केंद्रीय कार्यालय क्यों हुआ पुलिस छावनी में तब्दील

रांची के हरमू स्थित जेएमएम के केंद्रीय कैंप कार्यालय के समक्ष अचानक रैफ और पुलिस जवानों की तैनाती कर दी गई. साथ ही जेएमएम कार्यालय पहुंचने वाले प्रमुख रास्तों पर बैरिकेडिंग कर दी गई है.

रांची: झारखंड की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के हरमू स्थित कैंप कार्यालय को शनिवार को पूरी तरह पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया. झामुमो के केंद्रीय कार्यालय की ओर जाने वाले चारों रास्ते पर बैरियर लगाकर बड़ी संख्या में रैपिड एक्शन फोर्स को तैनात कर दिया गया है. झामुमो के केंद्रीय कार्यालय की सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में महिला पुलिस जवानों को भी तैनात किया गया है.

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पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ के आंदोलन को लेकर बढ़ायी गई सुरक्षाः

राज्य में सत्ताधारी दलों के गठबंधन का नेतृत्व कर रही पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा कैंप कार्यालय की चाक-चौबंद सुरक्षा के लिए दर्जनों सशस्त्र जवानों की तैनाती इसलिए की गयी है क्योंकि आज 14 अक्टूबर 2023 को ही पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ ने झामुमो कार्यालय के घेराव की घोषणा कर रखी है. पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ के अध्यक्ष चंद्रदीप कुमार के अनुसार अपनी मांगों को लेकर बड़ी संख्या में पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक हरमू मैदान से जुलूस की शक्ल में झामुमो कार्यालय तक जाएंगे और प्रदर्शन करेंगे.

100 दिनों से राजभवन के समक्ष धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं पंचायत स्वयंसेवकः

आज झारखंड राज्य पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ के सदस्यों के आंदोलन का 100 वां दिन है. 99 दिनों से वह राजभवन के समक्ष धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. पिछले दिनों ये सभी प्रोजेक्ट भवन मंत्रालय, विधानसभा और ग्रामीण विकास मंत्री आवास का भी घेराव कर चुके हैं.

क्या है पंचायत सचिवालय के स्वयंसेवकों की मांगेंः

100 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों की मुख्य रूप से पांच मांगें हैं. इनकी मांगों में स्वयंसेवकों का समायोजन, सेवा स्थायीकरण, स्वयंसेवकों का नाम बदलकर पंचायत सहायक करना और सेवा स्थायी होने तक सम्मानजनक मानदेय शामिल हैं.

इससे पहले राज्य में आयोजित आकलन परीक्षा पास पारा शिक्षकों का संगठन भी झामुमो के केंद्रीय कार्यालय का घेराव कर चुका है. दरअसल, राज्य के पारा शिक्षक हों या पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका, कृषक मित्र या फिर मनरेगाकर्मी सभी का यह कहना है 2019 में झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जो वादे किए थे उन्होंने सत्ता में आने के बाद वादे पूरे नहीं किए.

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Author: The Mirchi News

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