



डिगवाडीह स्थित कार्मेल स्कूल में 10वीं की छात्राओं से शर्ट उतरवाने के विवाद ने झारखंड को हिला कर रख दिया। अब इस मामले की जांच पूरी हो चुकी है। एसडीएम राजेश कुमार के नेतृत्व में जिला प्रशासन की टीम ने सीसीटीवी फुटेज, छात्राओं, अभिभावकों और स्कूल प्रबंधन से बातचीत के आधार पर अपनी रिपोर्ट तैयार की।
जांच में सीसीटीवी फुटेज से कोई आपत्तिजनक घटना सामने नहीं आई, लेकिन छात्राओं और अभिभावकों के बयान दर्ज किए गए। रिपोर्ट में यह बात स्पष्ट की गई कि घटना के कारण छात्राओं और उनके परिवारों पर मानसिक प्रभाव पड़ा है।
प्रिंसिपल ने मांगी माफी:
स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों के बीच आयोजित बैठक में प्रिंसिपल सिस्टर एस. देवाश्री ने माफी मांगते हुए कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होंगी। स्कूल के पटना मुख्यालय ने प्रिंसिपल को फिलहाल प्रशासनिक जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया है।
बाल अधिकार संरक्षण आयोग और सीडब्ल्यूसी की प्रतिक्रिया:
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के निर्देश पर बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) ने छात्राओं से बातचीत की। 10वीं की छात्राओं ने अपने आरोपों को दोहराया, जबकि 11वीं की कुछ छात्राओं ने घटना से इनकार किया। सीडब्ल्यूसी चेयरपर्सन उत्तम मुखर्जी ने कहा कि यदि आरोप साबित होते हैं, तो जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जांच की प्रक्रिया:
जांच टीम में एसडीएम राजेश कुमार, डीएसडब्ल्यूओ अनिता कुजूर, डीईओ निशु कुमारी, और सीडब्ल्यूसी चेयरपर्सन समेत अन्य अधिकारी शामिल थे। टीम ने स्कूल परिसर का दौरा किया और सभी पक्षों के बयान दर्ज किए। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डालसा) ने भी छात्राओं और अभिभावकों से बातचीत की। प्रशासन ने छात्राओं की बोर्ड परीक्षा की तैयारी सुनिश्चित करने और जरूरत पड़ने पर उनकी काउंसलिंग कराने का आश्वासन दिया।
सांसद ढुलू महतो की कड़ी प्रतिक्रिया:
धनबाद के सांसद ढुलू महतो ने इस घटना को लेकर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन को पत्र लिखकर घटना की उच्चस्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। महतो ने इसे गंभीर अपराध बताते हुए कहा कि शिक्षा के मंदिर में ऐसी घटनाएं समाज के लिए घातक हैं। उन्होंने प्राचार्य पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, यह सुनिश्चित करना जरूरी है।
बीजेपी और एनएसयूआई का प्रदर्शन:
भारतीय जनता युवा मोर्चा और एनएसयूआई ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। रणधीर वर्मा चौक पर स्कूल प्रबंधन का पुतला दहन किया गया। भाजपा विधायक राज सिन्हा ने कहा कि अनुशासन के नाम पर छात्राओं के साथ हुआ व्यवहार अमानवीय और निंदनीय है। एनएसयूआई ने भी घटना की निष्पक्ष जांच और दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की।
कार्मेल स्कूल की यह घटना न केवल शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और उनके अधिकारों की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर चिंता पैदा करती है। प्रशासन ने जांच पूरी कर ली है, लेकिन इस मामले से जुड़े विवादों ने समाज और शिक्षा जगत को झकझोर दिया है। सभी की निगाहें अब प्रशासन द्वारा उठाए जाने वाले कदमों पर टिकी हैं।
