



झारखंड के धनबाद में एक प्रतिष्ठित स्कूल में 80 छात्राओं की शर्ट उतरवाने की घटना ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना को लेकर अभिभावकों और राजनीतिक दलों में भारी आक्रोश है। स्कूल प्रबंधन पर छात्राओं के साथ अभद्र व्यवहार का आरोप लगा है। मामले को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के संज्ञान में लाया गया है, और प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं।
घटना का विवरण:
यह घटना 9 जनवरी की है, जब स्कूल में 10वीं की छात्राएं अपने प्री-बोर्ड परीक्षा के आखिरी दिन पेन डे मना रही थीं। छात्राएं अपनी सहेलियों को शुभकामनाएं दे रही थीं और एक-दूसरे की शर्ट पर ऑटोग्राफ लिख रही थीं। यह जश्न स्कूल की प्रिंसिपल को नागवार गुजरा, और उनकी नाराजगी ने एक बड़े विवाद को जन्म दे दिया।
आरोप है कि प्रिंसिपल ने करीब 80 छात्राओं से जबरन उनकी शर्ट उतरवाई और उन्हें बिना शर्ट के सिर्फ ब्लेजर में घर भेज दिया। छात्राओं ने रोते हुए अपनी बात रखनी चाही, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने उनकी कोई बात नहीं सुनी। यह पूरी घटना स्कूल के सीसीटीवी में कैद हो गई, और वीडियो के वायरल होने के बाद मामला तूल पकड़ गया।
अभिभावकों की प्रतिक्रिया:
इस घटना को लेकर छात्राओं के अभिभावक बेहद नाराज हैं। उन्होंने इसे बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डालने वाला बताया। नाराज अभिभावकों ने धनबाद की डीसी माधवी मिश्रा से मुलाकात कर प्रिंसिपल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। अभिभावकों का कहना है कि इस घटना से छात्राओं पर मानसिक दबाव पड़ा है, जिससे उनकी बोर्ड परीक्षा की तैयारी प्रभावित हो सकती है।
अभिभावकों ने सवाल उठाया कि अगर इस घटना के बाद किसी छात्रा ने खुद को नुकसान पहुंचाया होता, तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेता? उन्होंने इस मामले में प्रिंसिपल की गिरफ्तारी और एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
प्रशासन की कार्रवाई:
मामले को गंभीरता से लेते हुए डीसी माधवी मिश्रा ने जांच के आदेश दिए हैं। जांच के लिए एसडीएम, जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ), और स्थानीय पुलिस की एक टीम गठित की गई है। टीम ने स्कूल पहुंचकर सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू कर दी है और स्टाफ से पूछताछ की जा रही है।
धनबाद के एसडीएम राजेश कुमार ने कहा कि जांच जारी है और जल्द ही सच्चाई सामने आ जाएगी। स्कूल प्रबंधन और अन्य संबंधित पक्षों से बयान लिए जा रहे हैं।
स्कूल प्रबंधन का पक्ष:
स्कूल की प्रिंसिपल ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बच्चों को सिर्फ अनुशासन तोड़ने के कारण डांटा गया था। उन्होंने घटना को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने का आरोप लगाया और कहा कि स्कूल ने किसी तरह की अनुचित कार्रवाई नहीं की है।
BJP की चेतावनी:
घटना को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने राज्य सरकार और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने इसे शर्मनाक घटना करार दिया। उन्होंने कहा कि अगर 24 घंटे के भीतर प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई, तो पार्टी सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करेगी।
धनबाद की इस घटना ने न केवल प्रशासन और राजनीतिक दलों को, बल्कि पूरे समाज को झकझोर दिया है। छात्राओं की सुरक्षा और सम्मान की बात करते हुए यह सवाल उठता है कि क्या स्कूल जैसी जगहों पर बच्चों के साथ इस तरह का व्यवहार उचित है? प्रशासन की जांच जारी है, लेकिन समाज और अभिभावक इस मामले में त्वरित और सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
