धनबाद में अवैध कोयला कारोबार पर बड़ी कार्रवाई: सीआईएसएफ और कोयला भवन की संयुक्त छापेमारी में 35 टन कोयला जब्त

कतरास क्षेत्र के अंगार पथरा कांटा पहाड़ी में शुक्रवार देर रात एक बड़ी कार्रवाई के तहत सीआईएसएफ और धनबाद कोयला भवन की संयुक्त टीम ने भारी मात्रा में अवैध कोयला जब्त किया। गुप्त सूचना के आधार पर की गई इस छापेमारी में लगभग 35 टन अवैध कोयला बरामद किया गया। सूत्रों के अनुसार, यह कोयला सीमेंट की बोरियों में छुपाकर रखा गया था और इसे बीसीसीएल प्रबंधन को सौंप दिया गया है।


कैसे हुई छापेमारी?

सीआईएसएफ अधिकारियों के मुताबिक, उन्हें सूचना मिली थी कि अंगार पथरा क्षेत्र में काली मंदिर के पास बड़ी मात्रा में अवैध कोयले का भंडारण किया गया है। इसके बाद शुक्रवार रात कार्रवाई की योजना बनाई गई। छापेमारी के दौरान टीम ने मौके पर पहुंचकर कोयले से भरे ट्रक और सीमेंट की बोरियों में छुपाकर रखा गया कोयला बरामद किया।

अवैध कारोबार पर लगाम कसने में प्रशासन नाकाम?

इस क्षेत्र में अवैध कोयला खनन और भंडारण कोई नई बात नहीं है। स्थानीय लोग और जानकारों का कहना है कि अंगार पथरा ओपी क्षेत्र में अवैध कोयला कारोबार लंबे समय से फल-फूल रहा है। बीते कुछ महीनों में सीआईएसएफ और स्थानीय पुलिस ने कई बार छापेमारी की है, लेकिन ये कार्रवाइयां अक्सर सतही और खानापूर्ति तक ही सीमित रहती हैं।

क्या छापेमारी महज औपचारिकता?

छापेमारी के दौरान भी कुछ अनियमितताओं के आरोप लगे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस स्थान से 35 टन कोयला जब्त किया गया, उसके ठीक पास ही हजारों बोरियां अवैध कोयले की पड़ी थीं। लेकिन, छापेमारी दल ने वहां ध्यान नहीं दिया।
छापेमारी दल ने अपनी मजबूरी का हवाला देते हुए कहा कि वे केवल उन स्थानों से कोयला उठा सकते हैं, जहां तक वाहन पहुंच सकते हैं। जिन जगहों पर वाहन नहीं जा सकते, वहां मजदूरों के माध्यम से कोयला हटाना पड़ता है, लेकिन पर्याप्त मजदूरों की कमी के चलते ऐसा संभव नहीं हो सका।


अंगार पथरा ओपी प्रभारी का बयान

अंगार पथरा ओपी के प्रभारी विशाल दास विधाता ने बताया कि एक संदिग्ध ट्रक को भी जब्त किया गया है, जिसकी जांच की जा रही है। अगर यह ट्रक अवैध कोयला परिवहन में शामिल पाया जाता है, तो इसके मालिक और चालक पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


मिलीभगत के आरोप और उठते सवाल

इस छापेमारी के बाद प्रशासन और पुलिस की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि अवैध कारोबारियों को अक्सर अधिकारियों और पुलिसकर्मियों का संरक्षण प्राप्त होता है।

उठते सवाल:

  1. क्या प्रशासन और पुलिस अवैध कोयला कारोबार को रोकने में वास्तव में गंभीर हैं?
  2. क्या मिलीभगत के चलते अवैध खनन पर लगाम नहीं लग पा रही है?
  3. क्या बीसीसीएल प्रबंधन इस समस्या से निपटने के लिए ठोस कदम उठा रहा है?
  4. क्या स्थायी समाधान के लिए कोई ठोस नीति बनाई जाएगी?

स्थानीय लोगों की मांग

अंगार पथरा क्षेत्र के लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि अवैध कोयला कारोबार पर कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि इस कारोबार से जुड़े लोगों को सख्त सजा दी जानी चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।

विशेषज्ञों की राय

खनन विशेषज्ञों का कहना है कि अवैध कोयला खनन और भंडारण पर रोक लगाने के लिए सामूहिक प्रयास की जरूरत है।

  1. प्रशासनिक निगरानी को मजबूत किया जाना चाहिए।
  2. स्थानीय स्तर पर निगरानी समितियां बनाई जानी चाहिए।
  3. अवैध खनन से जुड़े लोगों की सूची बनाकर उन पर कड़ी निगरानी रखनी होगी।
  4. सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाने चाहिए, ताकि लोग अवैध खनन के दुष्परिणाम समझ सकें।

बीसीसीएल की जिम्मेदारी

बीसीसीएल (भारत कोकिंग कोल लिमिटेड) प्रबंधन की भी इस मामले में अहम भूमिका है। अवैध खनन से कंपनी को आर्थिक नुकसान होता है, और यह सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा है। बीसीसीएल को अपने सुरक्षा उपायों को और पुख्ता करना होगा और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर ठोस कार्रवाई करनी होगी।


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Author: The Mirchi News

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