



धनबाद: बाघमारा स्थित श्रीराम राज मंदिर, चिटाही धाम में वार्षिक महोत्सव एवं श्रीराम महायज्ञ का भव्य शुभारंभ मंगलवार को हो गया। इस पावन आयोजन की शुरुआत तेलमच्चो स्थित दामोदर नदी से कलश यात्रा के साथ हुई, जिसमें सांसद ढुल्लू महतो, उनकी पत्नी सावित्री देवी, उनके भाई विधायक शत्रुध्न महतो समेत हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। हजारों की संख्या में श्रद्धालु माथे पर कलश लेकर रामराज मंदिर तक पदयात्रा करते हुए पहुंचे।
श्रीराम की भक्ति में लीन दिखे श्रद्धालु
कलश यात्रा में श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। भगवा ध्वज लिए भक्तगण “जय श्रीराम” के जयकारे लगाते हुए भक्ति में लीन दिखे। दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं ने इस महायज्ञ को भव्यता प्रदान की। यह यात्रा न केवल आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण थी, बल्कि सांस्कृतिक विविधता का भी प्रतीक बनी।
महाराष्ट्र के ढोल बाजे ने मोहा मन, असम के बिहू नृत्य ने बिखेरा रंग
इस कलश यात्रा में कई विशेष आकर्षण देखने को मिले। खासकर, महाराष्ट्र से आई ढोल बाजा टीम श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनी रही। महाराष्ट्र की यह टीम गणपति महोत्सव जैसे बड़े आयोजनों में प्रस्तुति देती है और इस भव्य आयोजन का हिस्सा बनकर गौरवान्वित महसूस कर रही थी। टीम के लगभग 30-40 सदस्य इस कलश यात्रा में शामिल हुए और अपने पारंपरिक ढोल-ताशे की धुन पर श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया।
इसके अलावा, असम से आई बिहू नृत्य की टीम भी कलश यात्रा की शोभा बढ़ा रही थी। असम से आई 30 सदस्यीय इस टीम ने पारंपरिक बिहू नृत्य की प्रस्तुति दी, जिसने लोगों का मन मोह लिया। टीम की एक सदस्य, अंजली, ने कहा, “झारखंड में आकर बहुत अच्छा लग रहा है। इस महायज्ञ के माध्यम से हमें अपनी संस्कृति को प्रदर्शित करने का अवसर मिला है।”
इसके अलावा, पंजाब, उत्तर प्रदेश के कानपुर और अन्य राज्यों से आई सांस्कृतिक झलकियों ने भी इस यात्रा को और अधिक भव्य बना दिया। विभिन्न राज्यों की संस्कृतियों का संगम इस महायज्ञ को एक राष्ट्रीय पर्व के रूप में दर्शा रहा था।
सांसद ढुल्लू महतो बोले – “यह श्रीराम जी की सेना है!”
इस अवसर पर सांसद ढुल्लू महतो ने कहा, “यह सिर्फ एक कलश यात्रा नहीं, बल्कि श्रीराम जी की सेना है, जो आस्था, भक्ति और संस्कृति का संदेश लेकर निकली है।” उन्होंने यह भी बताया कि महायज्ञ में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सहित कई केंद्रीय मंत्रियों को आमंत्रित किया गया है।
वहीं, बाघमारा विधायक शत्रुध्न महतो ने कहा कि “भगवान श्रीराम में लोगों की आस्था इस भव्य कलश यात्रा से स्पष्ट होती है। श्रद्धालुओं का यह जनसैलाब बताता है कि रामराज मंदिर चिटाही धाम किस तरह पूरे झारखंड और देशभर के राम भक्तों के लिए आस्था का केंद्र बन चुका है।”
प्रशासन की सख्त निगरानी, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
कलश यात्रा के मद्देनजर प्रशासन भी पूरी तरह से मुस्तैद दिखा। धनबाद से रांची जाने वाली सड़क को तेलमच्चो मोड़ से तेलमच्छो ब्रिज तक वन-वे कर दिया गया। इससे एक ओर से वाहनों की आवाजाही और दूसरी ओर से कलश यात्रा सुचारू रूप से निकाली गई। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल की भारी तैनाती की गई थी, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
आगे क्या होगा?
श्रीराम महायज्ञ का यह आयोजन 4 से 12 फरवरी तक चलेगा, जिसमें विभिन्न धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक कार्यक्रम होंगे। भक्तों के लिए विशाल भंडारे, भक्ति जागरण, प्रवचन और भजन संध्या जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
विशेष कार्यक्रम:
- 6 फरवरी: श्री श्री रविशंकर जी का आध्यात्मिक प्रवचन
- 7 फरवरी: साध्वी सरस्वती जी द्वारा प्रवचन
- 8 फरवरी: कुमार विश्वास द्वारा कवि सम्मेलन
- 9 फरवरी: भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह की भजन संध्या
- 10-12 फरवरी: दिल्ली की विश्वविख्यात रामलीला मंडली द्वारा रामलीला प्रस्तुति
- 12 फरवरी: गंगा आरती एवं महायज्ञ का समापन
चिटाही धाम का यह श्रीराम महायज्ञ न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक विरासत को सहेजने का भी एक पवित्र प्रयास है। इस महायज्ञ में श्रद्धालुओं का उमड़ा जनसैलाब यह दर्शाता है कि भगवान श्रीराम के प्रति आस्था और श्रद्धा आज भी लोगों के हृदय में गहराई से बसी हुई है।
धनबाद समेत पूरे झारखंड में इस महायज्ञ को लेकर जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है, और आने वाले दिनों में यह आयोजन और भी भव्यता के साथ आगे बढ़ेगा।
