



जनप्रतिनिधियों के खिलाफ दुकानदारों मे आक्रोश
रेलवे कॉरिडोर निर्माण को लेकर सोमवार को रेलवे के धनबाद डिवीजन के अधिकारियों की उपस्थिति में धनबाद के भूली मोड़ रेलवे लाइन के समीप लगभग 100 दुकानों को जेसीबी से तोड़ दिया गया. इस दौरान काफी संख्या में आरपीएफ के महिला-पुरुष जवान तैनात थे. पहले तो लोगों ने कुछ दिनों की मौहलत मांगी, लेकिन रेलवे के टस से मस न होने पर आनन-फानन में दुकानों से सामानों को बाहर निकालने लगे. दुकानों को टूटता देख अन्य लोग भी अपने- अपने दुकानों से सामान निकालने लगे. लगभग सामान लोग निकाल चुके थे. रेल प्रशासन ने लगभग 30 मीटर तक की जगह से अतिक्रमण मुक्त किया. यह कार्रवाई लगभग साढ़े छह घंटों तक चली.
अस्सी साल से रह रहे थे लोग, तीन घंटे में उजाड़ दिया गया आशियाना
भूली मोड़ रेलवे लाइन के समीप दुकानदारों का गुस्सा व गम चेहरे पर साफ झलक रहा था. लगभग अस्सी वर्षों से दुकान चला रहे लोगों ने कभी नहीं सोचा था कि यह दिन भी देखना पड़ेगा. दुकानों को टूटते देख लोगों के आंखों से आंसू निकल रहे थे. लोगों का नेताओं के प्रति गुस्सा भी स्पष्ट तौर पर झलक रहा था. रेल प्रबंधन की कार्रवाई से पहले दुकानदारों ने धनबाद सांसद पीएन सिंह व विधायक राज सिन्हा से दुकानों को न तोड़ने एवं कुछ समय दिलवाने की बात कही, जिसके बाद सांसद ने DRM से बात कर दुकानदारों को 15 जुलाई तक का समय दिलवाया, लेकिन आधे घंटे के अंदर ही रेल प्रशासन ने अतिक्रमण हटा दिया और दुकानों को तोड़ना शुरू कर दिया. उनका कहना था कि यदि शुरू में ही यह साफ हो जाता कि अतिक्रमण हटेगा तो उस अनुरूप लोग अपनी दुकानें खाली कर लेते।
