



झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार ने आज औपचारिक रूप से सत्ता संभाल ली है। रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित एक भव्य समारोह में हेमंत सोरेन ने चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इस ऐतिहासिक मौके पर इंडिया ब्लॉक के दिग्गज नेता भी मौजूद रहे, जिसने गठबंधन की एकता और शक्ति का प्रदर्शन किया।
हेमंत सोरेन चौथी बार मुख्यमंत्री बने
हेमंत सोरेन, जो झारखंड राज्य के 14वें मुख्यमंत्री बने हैं। उन्हें राज्यपाल संतोष गंगवार ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। हेमंत के शपथ ग्रहण में उनके पिता और तीन बार के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन की उपस्थिति खास आकर्षण रही।
हालांकि, शपथ ग्रहण समारोह में केवल हेमंत सोरेन ने ही शपथ ली, जबकि मंत्रिमंडल के किसी भी सदस्य ने शपथ नहीं ली। इससे यह स्पष्ट हो गया कि मंत्रिमंडल के गठन को लेकर अभी गठबंधन के भीतर सहमति नहीं बन पाई है।
शपथ ग्रहण में जुटे दिग्गज नेता: इंडिया ब्लॉक का शक्ति प्रदर्शन
हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह में इंडिया ब्लॉक के प्रमुख नेता शामिल हुए, जिन्होंने इस अवसर को एक राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन में बदल दिया। समारोह में उपस्थित नेताओं में शामिल थे:
- मल्लिकार्जुन खड़गे (कांग्रेस अध्यक्ष)
- राहुल गांधी (लोकसभा में विपक्ष के नेता)
- ममता बनर्जी (मुख्यमंत्री, पश्चिम बंगाल)
- तेजस्वी यादव (बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता)
- अखिलेश यादव (पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश)
इन दिग्गज नेताओं की उपस्थिति ने गठबंधन की मजबूती और एकजुटता का संदेश दिया।
चुनाव में गठबंधन की बड़ी जीत
झारखंड विधानसभा चुनाव में झामुमो, कांग्रेस, आरजेडी और लेफ्ट का गठबंधन, जिसे इंडिया ब्लॉक का नाम दिया गया था, ने कुल 56 सीटों पर जीत हासिल की। झारखंड विधानसभा में बहुमत का जादुई आंकड़ा 41 सीटों का है, जिसे गठबंधन ने बड़े अंतर से पार कर लिया।
- झामुमो: 34 सीटें
- कांग्रेस: 16 सीटें
- आरजेडी: 4 सीटें
- लेफ्ट: 2 सीटें
यह जीत हेमंत सोरेन के नेतृत्व में गठबंधन के लिए एक बड़ी राजनीतिक सफलता है।
मंत्रिमंडल गठन में पेंच
हालांकि हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है, लेकिन मंत्रिमंडल का गठन अब तक नहीं हो सका है। गठबंधन के भीतर मंत्रिमंडल में हिस्सेदारी को लेकर सहमति नहीं बन पाई है।
कांग्रेस चार पर एक के फॉर्मूले के तहत चार मंत्री पदों की मांग कर रही है। पिछली सरकार में कांग्रेस कोटे से चार मंत्री बनाए गए थे। इस बार भी कांग्रेस इसी संख्या पर अड़ी हुई है।
कांग्रेस की मांग:
कांग्रेस का कहना है कि पिछले कार्यकाल में भी उसके 16 विधायकों के होने पर चार मंत्री बनाए गए थे। इस बार भी संख्या वही है, इसलिए उनकी मांग जायज है।
हेमंत सोरेन ने मंत्रिमंडल के गठन पर जल्द ही सहमति बनाने का आश्वासन दिया है।
हेमंत सोरेन का विजन और चुनौतियां
मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद हेमंत सोरेन ने जनता को संबोधित करते हुए कहा:
“यह सरकार झारखंड के हर नागरिक की सरकार है। हमारा उद्देश्य जनता की भलाई और विकास है। झारखंड को एक नया आयाम देना हमारा कर्तव्य है।”
मुख्य चुनौतियां:
- विकास कार्यों को गति देना
- आदिवासी अधिकारों की रक्षा
- बेरोजगारी और गरीबी से लड़ाई
- भ्रष्टाचार पर नियंत्रण
- नक्सल समस्या का समाधान
हेमंत सोरेन के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती मंत्रिमंडल का गठन है, जिससे यह तय होगा कि गठबंधन में किस पार्टी को कितनी हिस्सेदारी मिलेगी।
राजनीतिक समीकरण और भविष्य की राह
हेमंत सोरेन की नई सरकार से जनता को काफी उम्मीदें हैं। इंडिया ब्लॉक की एकता और गठबंधन की मजबूती से झारखंड में एक स्थिर सरकार चलने की उम्मीद की जा रही है। हालांकि, मंत्रिमंडल गठन और सरकार के कामकाज के दौरान आने वाली चुनौतियां यह तय करेंगी कि यह सरकार अपने वादों पर कितनी खरी उतरती है।
