



धनबाद शहर की वर्षों पुरानी ट्रैफिक समस्या को दूर करने और जीटी रोड पर लगने वाले भारी जाम से राहत दिलाने के उद्देश्य से आरा मोड़ से लेकर बिनोद बिहारी चौक तक फ्लाईओवर और अंडरपास का निर्माण कार्य अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है। इसके लिए अंचल अधिकारी, धनबाद द्वारा 93 दुकानदारों की सूची जारी करते हुए अधिग्रहण की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।
यह अधिसूचना स्पष्ट करती है कि जिन दुकानों को अधिग्रहण की जद में लाया गया है, वे आरा मोड़ और संलग्न क्षेत्र में वर्षों से व्यवसायिक गतिविधियों में संलग्न हैं। दुकानदारों में से अधिकांश की दुकानें या तो किराए पर हैं या खुद के स्वामित्व में, लेकिन अब उन्हें निर्माण कार्य के लिए निर्धारित क्षेत्र को खाली करना होगा।
फ्लाईओवर निर्माण के लिए अहम कदम
धनबाद जिला प्रशासन ने 24 अप्रैल 2025 को बैठक कर इस अधिग्रहण प्रक्रिया पर मुहर लगाई थी। इसके बाद 2 मई को अधिसूचना जारी की गई, जिसमें साफ तौर पर 93 दुकानों और प्रतिष्ठानों की सूची शामिल है। यह अधिग्रहण Velji Ratna Sorathia Infra Pvt. Ltd., वडोदरा द्वारा किया जाएगा, जो इस परियोजना का क्रियान्वयन एजेंसी है।
7 दिनों के भीतर स्थल खाली करने का निर्देश
प्रशासन ने सभी संबंधितों से आग्रह किया है कि वे आगामी 7 दिनों के भीतर अपनी दुकानों और प्रतिष्ठानों को स्वयं खाली कर दें, ताकि निर्माण कार्य समय पर शुरू हो सके और किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि निर्धारित समयसीमा में स्थल खाली नहीं करने पर प्रशासन बाध्य होकर कानूनी कार्रवाई करेगा और बलपूर्वक अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जाएगी।
दुकानदारों में बढ़ा असमंजस और असंतोष
इस सूचना के जारी होने के बाद क्षेत्र में हलचल बढ़ गई है। प्रभावित दुकानदारों में असमंजस की स्थिति है। कई लोगों ने यह सवाल उठाया है कि क्या उन्हें मुआवजा मिलेगा? क्या वैकल्पिक स्थान की व्यवस्था की जाएगी? हालांकि प्रशासन ने अभी तक इस संबंध में कोई विस्तृत जानकारी सार्वजनिक नहीं की है।
धनबाद के लिए बदलाव का संकेत
आरा मोड़ फ्लाईओवर एवं अंडरपास योजना लंबे समय से लंबित थी और ट्रैफिक जाम से परेशान आमजन इस परियोजना की प्रतीक्षा कर रहे थे। अब जब प्रशासन ने इसे मूर्त रूप देने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं, तो यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में धनबाद की सड़कों पर राहत मिलेगी। लेकिन साथ ही यह भी ज़रूरी है कि प्रभावित दुकानदारों के पुनर्वास या मुआवजे की प्रक्रिया पारदर्शी और न्यायसंगत तरीके से हो।
