कोयलांचल विश्वविद्यालय परिसर में ऐतिहासिक समारोह, मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धांजलि

कोयलांचल विश्वविद्यालय परिसर में मुख्यमंत्री

“जब तक झारखंड रहेगा, बिनोद बिहारी महतो का नाम सम्मान और गर्व से लिया जाएगा” – मुख्यमंत्री

धनबाद झारखंड आंदोलन के पुरोधा, समाजसेवी और शिक्षाविद् बिनोद बिहारी महतो की स्मृति में आज धनबाद स्थित बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय (BBMKU) परिसर में उनकी आदमकद प्रतिमा का अनावरण समारोह बड़े ही भव्य और गरिमामयी ढंग से संपन्न हुआ।

इस ऐतिहासिक मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन स्वयं विश्वविद्यालय परिसर पहुंचे और महान नेता को श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हुए समारोह को संबोधित किया। मुख्यमंत्री ने कहा,
“यह दिन केवल एक मूर्ति स्थापना का नहीं, बल्कि पूरे झारखंड और इसके वासियों के लिए गर्व का प्रतीक है।”

बिनोद बिहारी महतो के सपनों को साकार करने की दिशा में एक मजबूत कदम

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोयलांचल क्षेत्र में उच्च शिक्षा को सुलभ, गुणवत्तापूर्ण और जनोन्मुखी बनाने की दिशा में इस विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी।
उन्होंने स्मरण दिलाया कि 2014 में उनकी पूर्ववर्ती सरकार ने इस विश्वविद्यालय की नींव रखी थी, और आज यह एक समर्पित और सशक्त संस्थान के रूप में विकसित हो चुका है, जो सीधे तौर पर बिनोद बिहारी महतो के विचारों और सपनों से जुड़ा हुआ है।

महापुरुषों के बलिदान को स्मरण करना हमारी जिम्मेदारी

मुख्यमंत्री सोरेन ने अपने संबोधन में झारखंड आंदोलन के इतिहास और उसमें योगदान देने वाले महापुरुषों का विशेष रूप से उल्लेख किया। उन्होंने कहा:
“हम अपने पूर्वजों और महापुरुषों के बलिदान को कभी नहीं भूल सकते। झारखंड की हर गली, हर चौक, हर चौराहा उनके संघर्ष की गवाही देता है। आज राज्यभर में आंदोलनकारियों की प्रतिमाएं और स्मारक बनाए जा रहे हैं।”

शिक्षा के क्षेत्र में सुधार सरकार की प्राथमिकता

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए लगातार प्रयासरत है।
उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा में जो सुधार किए जा रहे हैं, वे केवल दिखने तक सीमित नहीं रहेंगे बल्कि उन्हें महसूस भी किया जाएगा।
सरकार का उद्देश्य राज्य के हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना है, ताकि झारखंड के भविष्य की नींव और भी मजबूत हो सके।

महापुरुषों के नाम से संस्थानों को समर्पण — भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणा

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर यह भी कहा कि जिस प्रकार विश्वविद्यालय को बिनोद बिहारी महतो के नाम पर समर्पित किया गया है, उसी प्रकार पीएमसीएच (पलामू मेडिकल कॉलेज) को वीर शहीद निर्मल महतो के नाम पर समर्पित किया गया है।
उन्होंने कहा कि
“यह सब झारखंड आंदोलन के शहीदों और नेताओं के सपनों को साकार करने की दिशा में उठाए जा रहे कदम हैं।”

भावी पीढ़ी को संघर्ष की विरासत से जोड़ने का आह्वान

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की नई पीढ़ी को झारखंड आंदोलन के संघर्ष, बलिदान और मूल्यों से जोड़ना अनिवार्य है। उन्होंने जोर देते हुए कहा:
“जब तक झारखंड रहेगा, बिनोद बिहारी महतो का नाम सम्मान और गर्व के साथ लिया जाता रहेगा। उनके संघर्ष और विचारों को आगे बढ़ाना ही हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।”

समारोह में बड़ी संख्या में छात्र, शिक्षक और गणमान्य लोग रहे उपस्थित

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति, प्राध्यापकगण, छात्र-छात्राएं, स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में एकात्मता और प्रेरणा का वातावरण देखने को मिला।
प्रतिमा अनावरण के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम और बिनोद बिहारी महतो के जीवन पर आधारित संगोष्ठी का आयोजन भी किया गया, जिसमें छात्रों ने भाग लेकर उनके विचारों को साझा किया।

The Mirchi News
Author: The Mirchi News

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